रेत का बुलबुला
तन्हाइयों में अक्सर होता है ऐसा आजकल खुद ही रोती हूँ, खुद ही चुप हो जाती हूँ दौर ऐसा भी
Read Moreतन्हाइयों में अक्सर होता है ऐसा आजकल खुद ही रोती हूँ, खुद ही चुप हो जाती हूँ दौर ऐसा भी
Read Moreक्या कोलकाता , क्या खड़गपुर गया हो या टाटा कोरोना वायरस से कांपी दुनिया गांव शहर है सन्नाटा हर चेहरे
Read Moreमासूमियत को अपनी बचा के तुम रखना यह दुनिया मतलबी बहुत हैं खुद को छिपा के तुम रखना लोग जुबान
Read Moreआनंद के फूल खिलाना सीख लो फासला रखें, सुरक्षित रहें -लीला तिवानी करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन,
Read Moreबात सिर्फ़, मुलाक़ात की होती, तुम कहते … तो मेरा आना शायद हो भी जाता पर, सवाल तुम्हारी और सबकी ज़िंदगी
Read Moreमैं ही मूर्तिकार मैं ही मूर्ति हूं अपने ही छेनी हथौड़े से ढाल रहा अपनी ही मूरत अपनी ही कल्पना
Read Moreसूरज न सही एक दीप ही रोशन करें अँधेरे तोडऩे ।। देख रहा हूँ चहूँ ओर ही जात-पात का पन्थवाद
Read Moreदिल लगाया भी तो तुमसे पत्थर से। खैर कहते हैं न कि प्रेम में वो ताकत होती है जो पत्थर
Read Moreकिस मुँह से कह रहे हो रुक जा़ओ! ठहर जाओ! क्या समझुँ इसे? चालाकी या सच में साेच में तुम्हारी
Read More