दो बाल काव्यमय कथाएं
1. मीठी-मीठी बातों से सदा बचो गीदड़ तीन देख हाथी को, खाने को थे ललचाए, बिना किसी तरकीब के हाथी,
Read More1. मीठी-मीठी बातों से सदा बचो गीदड़ तीन देख हाथी को, खाने को थे ललचाए, बिना किसी तरकीब के हाथी,
Read Moreदूल्हा आया ! दूल्हा आया!! सँग में बहुत बराती लाया।। घोड़ी पर दुलहा बैठा है। तना हुआ कुछ-कुछ ऐंठा है।।
Read Moreगई दिवाली जाड़ा आया। खेत,बाग़, वन,घर में छाया।। मोटे कंबल, शॉल, रजाई। टोपे, स्वेटर की ऋतु आई।। मफ़लर ने सिर
Read Moreबच्चे सबको प्यारे लगते। माँ को राज दुलारे लगते। इन में ही भगवान मिलेगा। इक सच्चा इन्सान मिलेगा। घर में
Read Moreबाल गीत जब नल में नहीं आता पानी, मुझे याद आ जाती नानी. पानी बिन मैं कैसे नहाऊं? क्या गंदी
Read More1. दयालु शेर, दिलेर चूहा एक शेर जंगल में सोया, मीठे सपने देख रहा, चूहा एक शेर के ऊपर, उछल
Read Moreपापा बोले ”चंद्रग्रहण है, मैंने पूछा, “वो क्या होता पापा?” पापा बोले, ”आओ बताऊं, बताते मुझे थे मेरे पापा. एक
Read More