आल्हा छंद : नारी का जग पर उपकार
साहस शौर्य शक्ति की प्रतिमा, नारी का जग पर उपकार दुर्गा लक्ष्मी राजपुतानी, की गाथाये कहें पुकार जग को जीवन
Read Moreसाहस शौर्य शक्ति की प्रतिमा, नारी का जग पर उपकार दुर्गा लक्ष्मी राजपुतानी, की गाथाये कहें पुकार जग को जीवन
Read More(१) ठंडी की तो रुत है आई,माँगें सभी रजाई। मौसम ने मारा है सबको,व्याकुल दद्दा-माई।। हवा चल रही बेहद शीतल,देते
Read More(1) धरती माता लाड़ का,है असीम भंडार। संतति की सेवा करे,है सुख का आगार।। है सुख का आगार,धरा है सुख
Read Moreमंद सुगंध पवन, भरे आज प्रेम घन, सघन घनघोर में, व्यथा सुन लीजिए।
Read More1. सावन महीना आ गया, मन है भाव विभोर। पपीहे कुहू-कुहू कर रहे, नृत्य कर रहे मोर। नृत्य कर रहे
Read More-1- देश प्रेम को जगा न जाति भेद में मलीन। रंच मात्र राग द्वेष के न हो कभी अधीन।। पेट
Read Moreचोरी नैनों से करे, लूटे मन का चैन। जब तब पलके मूंद कर, दिन को कर दे रैन ।। दिन
Read Moreयोग से निरोग बने,बने रहें स्वस्थ सब, सबको ही योग का, प्रण लेना चाहिए । भारत जनक है, योग की
Read More