ग़ज़ल
इश्क़ करने चला था पर बिखर गया।था यक़ीनन वो आशिक़ मगर डर गया।। हाथ में थी गुलाबों की माला फ़क़त।वो
Read Moreमुझे तुमसे प्यार हैं तो हैं,साथ का इक़रार हैं तो हैं। न कोई वजह, न कोई सवाल,दिल बेक़रार हैं तो
Read Moreगंगा यमुना सरस्वती, प्रियल त्रिवेणी धार।अग-जग को नित तारती,करती जन उपकार।। महाकुंभ मेला लगा, तीरथराज प्रयाग,मन मैला अघ ओघ से,मन
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