कलम कभी न मरने पाए
चाहे साँस मेरी रूक जाएगगन धरा तक भी झुक जाएवीणापाणि माँग रहा वरकलम कभी ना मरने पाए। लानत है मुझ
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Read Moreसंग-साथ बिन नहीं है जीवन, मैं-मैं मिल कर हम बनते हैं। चंदा के बिन, नहीं चाँदनी, चाँदनी से ही चाँद
Read Moreजो जीवों को खाते है, वे जीवों से, क्या प्रेम करेंगे! आज कर रहे प्रेम प्रदर्शन, कल उनका आहार करेंगे!!
Read Moreगिरकर,एक बार फिर से मुझे सम्भलना है।मुझे निरंतर चलना है,मुझे निरंतर चलना है।। लोभ स्वार्थ बिना,कर्म पथ पर आगे बढ़ना
Read Moreरावण को जिंदा रखना हैफिर अगले साल जलाने को। रहने हैं अत्याचार सभीव्यभिचार बंद मत करना तुम।मत बलात्कार भी बंद
Read Moreदेखो री सखी घर-घर बटत बधाई,रघुवर संघ विराजत सर्व सुहागन सीता माई,सुंदर छवि अंखियन में समाई,जो छवि निरखतकामदेव भी हारे,शोभा
Read Moreमेरा गाँव भी अब शहर हो गया है।प्रकृति से बहुत दूर घर हो गया है। बचपन में खेला, वह पीपल
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