दोहा
माँ शारदे मातु सदा देना मुझे, बस इतना वरदान।नित-नित बढ़ता ही रहे, नूतनता का ज्ञान।। मुझे नहीं कुछ है पता,
Read Moreमधुर मनोहर रूप है, सुंदर मेरे श्याम।देख नयन पुलकित हुए, लगा सुखद अभिराम।।मधुर मनोहर श्याम जी, जग के पालनहार।दया करो
Read Moreबिखर रहे चूल्हे सभी, सिमटे आँगन रोज।नई सदी ये कर रही, जाने कैसी खोज॥ दादा-दादी सब गए, बिखर गया संसार।चाचा,
Read Moreगया देश को भूल, सत्ता – मद में आदमी।नाशी बुद्धि समूल,कर्म-धर्म करता नहीं।।जन-सेवा से दूर, सत्ता के भूखे सभी।भावहीन भरपूर,
Read Moreवैलेंटाइन का चढ़ा, ये कैसा उन्माद।फौजी मरता देश पर, कौन करे अब याद।। सौरभ उनको भेंट हो, वैलेंटाइन आज।सरहद पर
Read Moreशारद माता का है यह दिन, वसंत पँचमी आज।निज मन मे हम सभी धारकर, करते लेखन काज।। मातु कृपा होती
Read Moreउनकी कर तू साधना, अर्पण कर मन-फूल।खड़े रहे जो साथ जब, समय रहा प्रतिकूल॥ जंगल रोया फूटकर, देख जड़ों में
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