माटी अब भी पूछती
पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से वीर,माटी अब भी पूछती, कब जागेगी पीर? स्वप्न सिसकते रह गए, कहाँ गई
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Read Moreजीत मिले उसको सखे ,जो ना माने हार,अपने हर अभ्यास से ,करता जीत प्रहार। शोषण कला प्रवीन को ,देना होगा
Read Moreमुझे बुरा जो कह रहे, उनका है आभार।इससे उत्तम और क्या, हो सकता उपहार।तेज कदम से भागते , मंजिल जिनकी
Read Moreहोली के त्यौहार में, ऐसी उठे तरंग।तन-मन में जो प्यार की, भर दे ख़ूब उमंग॥ आँगन-आँगन रंग हो, हो रंगीला
Read Moreयोगी जी को मिली सराहना गजब था उनका ढंग…महाकुंभ का मेला देख दुनिया थी दंग…।जोगीरा सारा रा रा रा। फाग
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