जय श्री राम
आततायीयों के सीने पर, साँप लोटने लगे, राम के काज सब, निर्विघ्न पूरे होने लगे। राम का अस्तित्व नही, जो
Read Moreआततायीयों के सीने पर, साँप लोटने लगे, राम के काज सब, निर्विघ्न पूरे होने लगे। राम का अस्तित्व नही, जो
Read Moreनया हौसला धारकर, कर लें नया धमाल। अभिनंदित करना हमें, सचमुच में नव काल।। नवल चेतना संग ले, करें अग्र
Read Moreहर रंग इक मनुहार अपनी है ये जिन्दगी ,हालत से मजबूर ,पाओगे खुशियां यहाँ, पर ग़म से भरपूर। कैसे भी
Read Moreदेख धीरज का धीरज, धीरज रह्यो खोय। खोया धीरज सभी ने, धीरज धीरज रोय।। संचित रुपया पाप का, खूब किए
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