आरक्षण
सुलगते सवाल हैं, जवाब नही कोई,सत्ता के खेल में, अपवाद नही कोई।प्रतिभाओं का जौहर, आरक्षण खेल में,अन्धे बतलाते अब, आगे
Read Moreवन जब तक,तब तक यहाँ,हवा मिलेगी ख़ूब। वरना हम सब पीर में,जाएँगे नित डूब।। वन का रहना है हमें,सुख का
Read Moreधूप में जलते हैं खुद और पाँव में छाले पड़े,चलते रहें रात दिन, जितना भी चलना पड़े।चिन्ता यही रहती है
Read More१. पत्नी जब माता बने, मां का देते मान। पत्नी की ही शान है, मातृ दिवस बस गान।। 2. फोटो
Read Moreमां से बढ़ कर कुछ नहीं, मां है ईश समान। मां से ही संसार है, तीन लोक की शान।। मां
Read Moreमाँ से बढ़कर कुछ नहीं, दुनिया सकल जहान। जीवन उनका है सफल, जिनको इसका ज्ञान।। मां से बढ़कर कुछ नहीं,
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