क्या होगा
बीच धार में फँसी है नैया, डूब गयी तो क्या होगा,नहीं तैरना आता मुझको, सोच रहा हूँ क्या होगा।जीवन पथ
Read Moreस्वारथ का है खेल जगत का, स्वारथ का ही मेल है। स्वारथ हित है प्रेम उमड़ता, घर बन जाता जेल
Read Moreअपनी जड़ों से कब जुड़ पाओगे,कटे रहोगे बंटे रहोगे,चीखोगे,चिल्लाओगे,छटपटाओगे,पर चैन कहां से लाओगे,खुद के बारे में सोचते रहते,अपनों को क्यों
Read Moreईद हमारा पर्व है, करवा तेरा प्यार।चाँद मगर अनजान है, किसका है अधिकार॥ बँट गया आकाश यूँ, बँट गए अरमान।चाँद
Read Moreहे मातेश्वरी ! आपने सजाई मेरी,इतनी सुंदर सी आंगनबाड़ी,मातारानी आपकी कृपा से,चलती है मेरी जीवन गाडी़ । हे विन्ध्येश्वरी !
Read Moreहां मैं हिन्दू हूं अध्यात्म का केन्द्र बिन्दु हूं सह-अस्तित्व में विश्वास रखता हूंज्ञान, विज्ञान का अपार सिन्धु हूंहां मैं
Read Moreजीवन पिच के गेम में, भरे पड़े है ट्विस्ट।अपने ही जब आउट करें, छा जाती है मिस्ट।। जीवन की पिच
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