यक़ीन है खुद पर
बड़े लोग अक्सर बड़ी बाते बस अज़ीज़ दोस्तों सी करते हैं,यह दोस्ती का इजहार नहीं है,बस उसकी दौलत पर नज़र
Read Moreबड़े लोग अक्सर बड़ी बाते बस अज़ीज़ दोस्तों सी करते हैं,यह दोस्ती का इजहार नहीं है,बस उसकी दौलत पर नज़र
Read Moreमिट्टी की महक से है उसकी आराधना,खेत-खलिहान में वो करता नित नमन।धूप-छाँव में जो तपे, जो झूके न कभी,कृषक है
Read Moreमत छेड़ प्रकृति को मानव!यह मौन नहीं, ज्वाला है।जिसको तू निर्बल समझे,वो अग्नि-कणों की माला है। बिजली बन कर टूटेगी,जो
Read Moreजहाँ हमारी सीमाओं पर तुम जैसे हों प्रहरी,नहीं किसी में है हिम्मत जो लाँघ सके है देहरी। जल थल नभ
Read Moreचलते हैं हम हँसते-हँसते, भीतर टूटी है साँसे,चेहरों पर तो रोशनी है, मन में बुझती है आशाएँ।जीवन की डोर मे
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