डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा के 11 हाइकु
चंद हाइकु 1. चुप रहना कुछ मत कहना कर दिखाना। ———– 2. अकेला तू ही बदलेगा दुनिया शुरु तो कर।
Read Moreचंद हाइकु 1. चुप रहना कुछ मत कहना कर दिखाना। ———– 2. अकेला तू ही बदलेगा दुनिया शुरु तो कर।
Read Moreसमय जौहरी कर रहा, परख समय की नित्य।समय सदा लगता मुझको, मानो ज्यों आदित्य।। बनो जौहरी नित करो, बुरे-भले में
Read Moreहँसना अच्छा है हँसिए हँसिए खूब हँसिए खुद पर हँसिए दूसरे पर हँसिए हँसी की बात पर हँसिए जहाँ मौका
Read Moreरोके हम आवेग को, कसना विनय लगाम। मर्यादा बंधन भला, लगती प्रकृति ललाम।। लगती प्रकृति ललाम, सादगी हर दिल जीते।
Read Moreएक नई शुरुआत, करे प्रेम बरसात, सुरभित पुष्प बन, जग महकाइए।। सब मिल हो पहल, सहेजे वन जंगल, पेड़ लगा
Read Moreविशाल वसुंधरा का ये सुंदर आंगन,पर्वत ऊंचे, खनिज लवण रतन धन,नदियां, झरने, झीलें, कहीं रेगिस्तान,कहीं गहरे समुद्र कहीं सघन मधुबन
Read Moreअकेलापन या एकान्त साधना, समझ नहीं में पाता हूँ। लोगों ने मुझे छोड़ दिया है, या मैं उनको ठुकराता हूँ।।
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