ग़ज़ल
प्यार उसका सुनो बदगुमां हो गया।क़द उसी का अभी तो बड़ा हो गया।। हुस्न देखा उड़ा आज चिलमन तभी।मैं वहीं
Read Moreतुम होते हो पास,प्रेम की सरिता बहती है।मन – दर्पण में,वासंती छवि कविता कहती है। अमरबेल की भाँतिलिपट जाते हो
Read Moreमैं व्याकुल और परेशान हूँशहर के नीतियों को देख हैरान हूँअर्द्धदिवस का काम देते हैंआमजन यह सब कैसे सह लेते
Read Moreयही बेटियां हैं,समन्दर पार भी नजर रखती है।रब की मेहरबानियां है,इसकी वजह से ही,यह घर आंगन में पलती बढ़ती और
Read Moreआजकल तो एक हफ़्ते में नहाने का चलन है।शत्रु लगता गुसलखाना, दूर से जल को नमनहै।कँपकँपाती देह एवम् थरथराता हुआ
Read Moreइसकी सोहबत में,खुशनुमा रंग हो,उमंग और उत्साह से भरपूर संग हो।इसकी वजह से ही,रंगीन दुनिया बनाई जा सकती है।हमेशा आगे
Read Moreजाते जाते साल हंस कर यूं बोलाजीवन गति का राज यूं खोलाआये होगे बहुत पल ,तुम्हें हंसाने कोआये होगे बहुत
Read Moreअक्सर पूछे जाते हैं,खबरों को लेकर तरह-तरह की बातें,किए जाते हैं।कुछ सुकून देने की बातें करते हैं,कुछ उलझनों से रूबरू
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