ग़ज़ल
नज़रों से मेरी आंखों को ज़रा ग़ौर से पढ़ना।नशा इसमें बस तुम्हारी आंखों का ही मिलेगाधड़कनों पर मेरी हाथ ज़रा
Read Moreअपनी जड़ों से कब जुड़ पाओगे,कटे रहोगे बंटे रहोगे,चीखोगे,चिल्लाओगे,छटपटाओगे,पर चैन कहां से लाओगे,खुद के बारे में सोचते रहते,अपनों को क्यों
Read Moreईद हमारा पर्व है, करवा तेरा प्यार।चाँद मगर अनजान है, किसका है अधिकार॥ बँट गया आकाश यूँ, बँट गए अरमान।चाँद
Read Moreहे मातेश्वरी ! आपने सजाई मेरी,इतनी सुंदर सी आंगनबाड़ी,मातारानी आपकी कृपा से,चलती है मेरी जीवन गाडी़ । हे विन्ध्येश्वरी !
Read Moreहां मैं हिन्दू हूं अध्यात्म का केन्द्र बिन्दु हूं सह-अस्तित्व में विश्वास रखता हूंज्ञान, विज्ञान का अपार सिन्धु हूंहां मैं
Read Moreजीवन पिच के गेम में, भरे पड़े है ट्विस्ट।अपने ही जब आउट करें, छा जाती है मिस्ट।। जीवन की पिच
Read Moreनूतन नव वर्ष का अभिनंदन,गाओ मिल मंगल मीठे गान,एकाग्रचित्त हो कर्म पथ पर,बनाओ अपनी श्रेष्ठ पहचान । गूंजायमान है सारी
Read Moreक्या? लिखूं 4 महीने का चिंतन-मनन,संवेदनहीन व अमानवीय था आकलन।यूँ पीड़िता के स्तनों-अंगों को पकडना,ये सुनों फिर पायजामे का नाड़ा
Read Moreआओ हे नव वर्ष! हर्ष बरसाते आओसुख-समृद्धि मेघ रूप धर, तुम छा जाओ ॠतुंभरा का कण-कण, स्वागत करने आतुरतृण-तृण पलक
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