पद्य साहित्य

गीतिका/ग़ज़ल

मेरी बिंदिया मेरी निंदिया सब होती है हिन्दी में

मुंडन,सोहर,शादी,ब्याह,सब करें हम हिंदी मेंद्वार छिकाई काजल कराई वो भी होती हिंदी मेंमाड़ो में ज़ब आये बाराती तो गाली भी

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कविता

राम जीवन मंत्र है

राम सिर्फ नाम नहींराम को जानिए,राम सिर्फ पूज्य नहींराम कहा मानिए।राम सिर्फ सृजनहार नहीं,राम पालनहार भी हैंऔर खेवनहार भी हैंराम

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गीत/नवगीत

गीत – जो बचपन में बीते

वे दिन नहीं लौट कर आतेजो बचपन में बीते। सर्दी गर्मी नहीं सताएसावन भादों बरसे।रहे प्रफुल्लित बचपन खिलताहरसे हरसे हरसे।।हृदय

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