कविता

कविता

होली

लिए रंगों की झोली।आई होली।बाजे ढोल नगाड़ेंनाचे मस्तों की टोली।आई होली।अंबर में उड़ेअबीर गुलाल रोली।आई होली।रंग-बिरंगे हंसते चेहरेझूमें गाये हमजोली।आई

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कविता

परम्पराओं का अभिमान

होली आई होली आई,आया रंगों का त्योहार।परम्परओं का अभिमान।होलिका दहन, धुलेंडी,अबीर, रंग और गुलाल।सखी सहेली, सांवली,वो हो गई लालम लाल।ढोल

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