ऋषि दयानन्द की ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ने वेदों का विस्तृत परिचय कराया
ओ३म् सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने वनस्पति जगत सहित पृथिवी पर अग्नि, जल, वायु, आकाश आदि पदार्थ प्रदान किये
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Read Moreहे मां भारती.. तुम्हारे पंखों को तुम्हारे गोंद में बैठ कर कुतर-कुतर कर आहिस्ता-आहिस्ता छिन्न-भिन्न कर टुकड़ों में विभक्त कर
Read More1 .चलती रही जिंदगी (क्षणिका) कभी गमों की धुंध कभी खुशियों की धूप कभी सफलता कभी विफलता हौसला और जुनून
Read Moreसंतुष्टि की अंजलि में हैं चाह नए साल में। जोगिया एैसी कोई बीन बजा नए साल में। मन से निर्भय
Read Moreमेरा बेटा देवेन्द्र अपनी मातृभूमि लोहाघाट (उत्तराखंड) घूमने लंबे समयांतराल बाद गया था।लाकडाउन लग जाने के कारण देवेन्द्र को काफी
Read Moreमहाकाल ने कहा, काल से परे चले जाओ न मृत्यु अघोष करती है तो करने दो न। जिसका भी वर्ण
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