ग़ज़ल
अपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही सायें में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगें
Read Moreगया ज़माना सुनो उस चूल्हे – चक्की का अभी तभी तो सुनो अभी ही , चूल्हा यही उदास है वो
Read Moreहोते है बस नाम के, रह जाते बेनाम । रिश्ते इंटरनेट के , आते कब हैं काम ।। जबरन पकडे
Read Moreसाहित्य का मूल अभिप्राय है सहित की भावना का विकास करना। वही मनुष्य जीता हुआ माना जाता है जिसमें साहित्य
Read Moreइस पूरे ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी ही हरी-नीली अभिनव रंगों से आभायुक्त अभी तक एकमात्र ग्रह है,जिस पर सांसों के
Read Moreविश्व भर में कृषि को देखते हुए सभी देशों में भारत
Read Moreएड्स एक विश्वव्यापी समस्या है जिससे विश्व के सभी देश चिंतित हैं। एचआईवी वायरस मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
Read More21 मई 1991 : ‘राजीव गांधी’ तब पूर्व प्रधानमंत्री थे । हिंदी फ़िल्म ‘मद्रास कैफ़े’ में राजीव-हत्या के कारणों और
Read Moreभीड़ उनके साथ होती हैं, जो लोकप्रिय होते हैं, किन्तु लोकप्रिय होने का यह मतलब कदापि नहीं है कि वह
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