आखिरी बार
चलो एक वादा रहा अब से जो मेरी कलम लिखेगी सब लिखेगी बस तुमको नहीं लिखेगी ना भाव होंगे ना
Read Moreतालियों की गड़गड़ाहट से सारा हाल गूंज उठा। मिसेज सहाय को चाइल्ड वेलफेयर के क्षेत्र में अपने महान योगदान के
Read Moreजिससे मिलने के लिए मैं परेशान बहुत था,, उसके मिलने का ढंग देख मैं हैरान बहुत था। चाहतों के भंवर
Read Moreवफा-ए-इश्क के चर्चे गली में है, मशहूर हुआ है इश्क चौबारो में। जो अनमोल रहा परदे में हमेशा उसका मोल
Read Moreकभी न सोचा क्या होगा कल होता सिर्फ विकास रहा बढ़ा प्रदूषण हद से ज्यादा दूभर लेना साँस रहा सीना
Read Moreओ३म् आर्यसमाज के इतिहास में ऋषि दयानन्द के बाद स्वामी श्रद्धानन्द जी का प्रमुख स्थान है। स्वामी श्रद्धानन्द जी ने
Read Moreआडंबर और दिखावों का फैला है जाल माया मोह के चक्कर में है ये दुनिया बेहाल सत्य ईमान की
Read Moreअपने – अपने सब लोग कहें, अपनों न दिखौ सिगरे जग माहीं। सब स्वारथ लागि जुहार करें, बस पेड़ ही
Read Moreखलीफत-समर्थन से शुरू हुई अवसरवादी राजनीति की ही परिणति 1947 ई. का देश-विभाजन था। इस की सैद्धांतिक स्वीकृति गाँधीजी ने
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