शंखनाद
नारी तुम, बन चंडी, उतर धरा पर.. करो स्वतन्त्रता का आगाज़ …! काटो बन्धन, लिए हौंसलें… भरो उड़ाने…. न रोक
Read Moreभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन {इसरो } के वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा ,लगन और मेधा शक्ति से नित नये-नये किर्तिमान रच रहे
Read Moreपिता की चहेती दीना कुछ बरस पहले पराई हो चुकी थी। बेचारे ललकु ने अपनी हैसियत से कुछ ज्यादा ही
Read Moreग़ज़ल जलता है आंगन, तपती है देहरी। सुबह से शुरू होने लगती दोपहरी।। आसानी से अब ये पटती कहाँ हैं।
Read Moreसमाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार अब बेकार पड़े खाली प्लास्टिक की पानी की बोतलें , दूध और दही
Read Moreविश्व झूमने लगता है दिलखुश जुगलबंदी एक काव्य-यज्ञ है, जिसमें सब अपनी-अपनी काव्य-समिधाएं डालते हैं, सकारात्मक विचारों को पालते-स्वीकारते हैं,
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