हे!इंसान
हे! इंसान इंसान को मत लूट न कर सीना झपटी न अत्याचार! अच्छे गुण धारण कर भला सोच बुराई से
Read Moreहर वर्ष की तरह इस बार भी होली आई रंगों की बहार लेकर। रंगो के संग संग खुशियों की बहार
Read Moreबोर्ड की परीक्षाएं भी नजदीक आ गई थीं और नवरात्रि का महापर्व भी. अभिभावक अपने बच्चों के परीक्षा-परिणाम को लेकर
Read Moreज़िंदगी के दायरे में उलझतीं औरतें। आँखों में ग़म का अश्क़ रखतीं औरतें।। अठखेलियों में वो बचपन बितायी। ज़वानी में
Read Moreमाँ मुझे तेरा, ही गान लिखना है। गुमशुदा स्वाभि- मान लिखना है। अंगार उगलते है, दृग दृष्टि में- व्यभिचारी का,
Read Moreवागीश्वरी (सात यगण+लघु गुरु) सरल मापनी — 122/122/122/122/122/122/122/12, 23 वर्ण “वागीश्वरी सवैया” उठो जी सवेरे सवेरे उठो जी, उगी लालिमा
Read Moreदेशद्रोह की आवाजों का मैं पहला प्रतिकार हूँ कायर आतंकी सीने पर अभिनंदन सा वार हूँ अगर देश पर खतरा
Read Moreनयी पीढ़ी की होनहार लेखिका समीक्षा तैलंग का प्रथम व्यंग्य संग्रह “ जीभ अनशन पर है ” इन दिनों काफी
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