भावों की सरिता…
भावों की सरिता की थाह, नहीं कोई , नहीं ,कोई छोर ! एक बार, डूबने के,बाद , अंतहीन ,दिशाहीन हो,
Read Moreभावों की सरिता की थाह, नहीं कोई , नहीं ,कोई छोर ! एक बार, डूबने के,बाद , अंतहीन ,दिशाहीन हो,
Read Moreलहर अभी बाकी है, ब्रेक न लगाइये. देश अभी जागा है, उसे न सुलाइए. झाड़खंड को जीता है, जम्मू तक
Read Morepk फ़िल्म पर मेरे विचार अधिकतर हिन्दू संगठन pk फ़िल्म का विरोध कर रहे है। किसी का कहना है की
Read Moreहमने लेख का यह शीर्षक इसलिए चुना है कि यह महर्षि दयानन्द पर सटीक बैठता है अर्थात् वह भूत व
Read Moreमनीष मिश्रा “मणि” बढा शहर गाँव का बलिदान वक्त कसौटी बना लो घर ज़हन का शहर दिल का गाँव खडी
Read Moreपांवो मे घुंघरू बाँध कर नाचती है रात आवारा सड़कों पर .. बदनाम गलियों में … रात भर भटकती है रात आकाश
Read Moreआमिर खान एक बेहद संजीदा आदमी है, समाज के कुरूतियों के खिलाफ उनका उठाये जाने वाला कदम सराहनीय होता है,
Read More“ना जमीं में हूँ ना आसमा में हूँ, तुझे छूकर जो गुजरी मैं उस हवा में हूँ। ना नफरती बाजार
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