वो यादें •••
ईशीका—— हमारे और तुम्हारे बीच जितनी भी क्रियाएँ हुई वो सब एक मधुर यादों के जरिये इस पन्नों में आकर
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Read Moreतू यदि नज़र आये तो मुझे फरहत मिल जाये मेरे बेक़रार दिल को तुमसे उलफत मिल जाये मुझे हर
Read Moreकेंद्र में तीस वर्षो के बाद राजनैतिक परिवर्तनों के बाद आयोजित 66वें गणतंत्र दिवस समारोंहों व उसमें निकलने वाली भव्य
Read Moreबड़ा ही सुंदर दृश्य था। राजपथ के दोनों ओर गणतंत्र भारत के गण बैठे थे। कोहरे में झाँकियों को देखने,
Read Moreहे भारत के वीर तू क्यों नींद में पड़े बेखबर सो रहे हो …….? उठो,और आँखें खोलो देखो,प्राची-दिशा का ललाट
Read Moreचीं-चीं करती आई एक चिड़िया अपनी कहानी मुझे बतलाई मैने पूछा हुआ है क्या रो-रो कर अपनी व्यथा सुनाई वह
Read Moreएक दिन जब तुम ; मुझसे मिलने आओगी प्रिये, मेरे मन का श्रंगार किये हुये, तुम मुझसे मिलने आना
Read Moreशंका 5 -वेदों के शत्रु विशेष रूप से पुरुष सूक्त को जातिवाद की उत्पत्ति का समर्थक मानते है। समाधान –
Read Moreतुम्हें अब साकार जीने लगा हूँ मय ए हुश्न जैसे पीने लगा हूँ लोग मुझसे पूछते हैं वो कौन
Read More19. प्रतिशोध की पहली चिंगारी ”आह यह दर्द, काफिर का खंजर था या कड़कती हुई बिजली। खबीस ने पेट फाड़ डाला।
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