” नव वर्ष का उत्सव “
मनाता है एक बार साल में, निर्धन व्यक्ति। मनाता है प्रतिदिन साल में, धनी व्यक्ति। मनाता है हर-क्षण साल में,
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Read Moreतुम न ज्यादा दूर ,न ज्यादा पास ,रहा करो मेरे बस तुम घने कोहरे सा आस पास रहा करो
Read Moreदिल्ली का दंगल! हस्तिनापुर का धर्मयुद्ध ! दिल्ली का चुनाव दिन प्रतिदिन रोचक होता जा रहा है, नेताओं के बयान
Read Moreसात अजूबे इस दुनिया में आठवी अपनी जोड़ी ….बस , बस, बस…….एक हिंदी फिल्म के इस गीत की इसके आगे
Read Moreहमने कुछ बनी बनाई रस्मो को निभाया ; और सोच लिया कि; अब तुम मेरी औरत हो और मैं तुम्हारा
Read Moreजातिवाद सभ्य समाज के माथे पर एक कलंक हैं जिसके कारण मानव मानव के प्रति न केवल असंवेदनशील बन गया
Read Moreमहर्षि दयानन्द ईश्वरीय ज्ञान – चार वेदों के उच्च कोटि के विद्वान थे। वह योग के ज्ञाता व असम्प्रज्ञात समाधि
Read Moreनारी और पुरुष समाज रूपी रथ के दो पहिये हैं। दोनों के सांमजस्य से संसार में जीवंतता का संगीत सुनाई
Read Moreआप सभी भारतीय मित्रों को ६६ वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ , जय हिन्द – जय भारत सीना चौड़ा
Read Moreमेरी खामोश जुबां पर तुम्हारा कभी नाम न होगा मेरा ऐतबार करो ,तुझ पर कभी इल्जाम न होगा तेरे
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