नवरात्र पर दो रचनायें
नवरात्र पूजा घनाक्षरी छंद (कवित्त) महागौरी, कूष्माण्डा माँ, पूजूँ मैं धूप दीप से, ढोल नगाड़े बाजे से, घर में पधराऊँ।
Read Moreनवरात्र पूजा घनाक्षरी छंद (कवित्त) महागौरी, कूष्माण्डा माँ, पूजूँ मैं धूप दीप से, ढोल नगाड़े बाजे से, घर में पधराऊँ।
Read Moreयदि ना उतरता ज्वर दिखे शीत लगे दिनरात दो कविताएं ओज की पिलवाओ हे तात पिलवाओ हे तात न फीवर
Read Moreअमर शहीद “कैप्टन मनोज पाण्डेय“ को नमन करते हुए . . श्रद्धान्जलि स्वरुप एक घनाक्षरी काव्य–पुष्प उनको अर्पित करता हूँ
Read More“माँ वाग्देवी” की वन्दना ( घनाक्षरी छन्द ) शारदे! वाणी को ओज मिले और , शक्ति मिले मन को मनभावन
Read Moreकुण्डलिया छंद ********** 1 दुख का कारण ना बनो, दुख में दो सँग साथ । सुख की वजह सदा बनो,
Read Moreहिंदी भाषा हिन्द की ये,जगत मे न्यारी लगे, ऐसी न्यारी प्यारी भाषा,आप अपनाइये । मॉम डेड सिस वाली,गुलामी के बोल
Read Moreआज वामन जयंती है। वामन अवतार की कथा रोला छंद (11-13) में – **************************************************** कश्यप अदिति सुपुत्र, प्रथम त्रेता अवतारी।
Read Moreशीर्षक : देशभक्त सारे जग को बिसार,देते तन मन वार, करे भारती के लाल,वो कहाँ आराम है । काटे दस
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