मौन
ये जो तुम देखते हो न एकटक मुझे जानते हो कितनी हलचल मचा जाती है तुम्हारी आंखे न जाने कितनी
Read Moreगरज बरस कर सावन आया, बरखा रानी सँग आयी । ओस बूंद झूले वसुधा पर , तरुवर ऊपर तरुणाई ।
Read Moreज़ख्म का मरहम तो आपने सुना होगा, पर मरहम के ज़ख्म नहीं सुने होंगे और ये वो ज़ख्म हैं, जिनका
Read Moreकब आओगे मेघ तुम,ये बतला दो आज। अब तो ला दो नीर तुम,हर्षित करो समाज।। तपती बस्ती आग से, सूरज
Read Moreकहां संभावनाओं के आकाश में टिमटिमाता नन्हा तारा और कहां क्रिकेट की दुनिया का एक स्थापित नाम। निश्चित रूप से
Read More“मुक्त काव्य” न बैठ के लिखा, न सोच के लिखा तुझे देखा तो रहा न गया और खत लिखा जब
Read Moreदूर से आकर हमारा वो क़रीबी हो गया देखते ही देखते किस्मत हमारी हो गया कब मिला , कैसे मिला
Read More‘नितिन, तुम पार्किंग में से गाड़ी लेकर बस स्टैंड के पास आओ, मैं वहीं पहुंचती हूं’ राधिका ने कहा। ‘ठीक
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