जमाना
पहले रिश्तो का नाम हुआ करता था जिंदगी और आजकल रिश्ते ही कहाँ हुआ करते है पहले कच्चे मकानों में
Read Moreआज रीता काम करने आई तो उसका चेहरा खिले हुए गुलाब की तरह महक रहा था और आते ही वह
Read Moreलघुकथा में संप्रेषणनियता अत्यंत आवश्यक है, और संप्रेषण के साथ साथ उसमें इस प्रकार की संवेदना होना चाहिए जो उसके
Read Moreकल्पनाओं का जो ये सुंदर संसार है… इसमें ख़्वाहिशें देखो उमड़ती बेशुमार हैं वो लफ़्ज जो तुम तक कभी न
Read Moreमुझे भी एक यार मिला वो मेरे दिल का सरताज मिला करता है वो दिल की बाते ऐसा पहली बार
Read Moreकल २५ अप्रेल को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर एक महिला के यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई के
Read Moreकहने को तो स्त्रियों को समाज मे बराबरी का अधिकार है ये बोला जाता है पर वास्तविकता में भोग विलास
Read Moreकितनी दफ़ा दिल को तोड़ोगे मेरे, अब जानेमन कुछ तरस खा भी जाओ। कबतक चलेंगें यूँ तन्हां अकेले, तुम साथ
Read Moreमुहब्बत भी डिजिटल अब हो गयी है गुलाबों की खुश्बू कहीं खो गयी है पहले तो ख़त भी महका किये
Read Moreउम्र के एक पड़ाव पर हो जाते हैं फीके बेरंग एहसास यथार्थ के हाथों होते हैं कत्ल भावों के। एक
Read More