गज़ल
ज़मीन के सीने पे दीवारें उठा दी जाएँगी निशानियाँ इखलास की सारी मिटा दी जाएँगी तवंगरों की बेवजह ज़िद पूरी
Read Moreबेचारा बेचारा आदमी, जब सिर के बाल नहीं आते तो ढूंढता है दवाई, जब आ जाएं तो ढूंढता है नाई,
Read Moreबाह्य जगत की अनुभवहीनता से बच्चे किसी तरह संधि कर सकते हैं परन्तु जब सवाल अंतर्दृष्टि का आता है तब
Read Moreरहकर गुफाओं में आग जला पत्थरों से शिकार कर पशुओं का करता मांस भक्षण ढक लेता तन-बदन को वृक्षों की
Read Moreबाहर निकलो घर से मतदान करते चलो अपने दम पर नये कर्मठ सरकार बनाते चलो। खूबसूरत लोकतंत्र का तुम ही
Read Moreदान होता महादान, करो वस्तु तुम दान, धन दान, रक्त दान, दान कुछ कीजिए। दान देना नेक काम, करे कोई
Read Moreकितने दुख और अफ़सोस की बात है कि मानव प्रजाति, जो अपने आपको इस पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान प्राणी समझता
Read Moreआये थे तुम जब लेकर हौसले, अरमान ,आशायें खुशियों के दबे ढके से सुनहले अहसास । कुछ ख्बाव ,कुछ सपने
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