Month: May 2015

हास्य व्यंग्य

यथार्त व्यंग = शीर्षक =प्रियतमा

प्रियतमा ने खुश होकर कहा बंद करो तकरार मिल कर होली खेलेंगे साल के बारहों मास साल के बारहों मास

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कुण्डली/छंद

ताजी खबर : ताजी कुंडलिया

आया ऐसा जलजला, हिला पुनः जापान। जिसके कारण देखिए, काँपा हिंदुस्तान। काँपा हिंदुस्तान, राजधानी फिर डोली। देती प्रकृति जवाब, पाप

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स्वास्थ्य

जानिए कैसे कैसे नुस्खे हैं इलाज के आयुर्वेद में

मित्रो, आपने बहुत से लोग देखे होंगे जो आयुर्वेदिक भक्त होते हैं अर्थात आयुर्वेदिक इलाज के गुण गाते हुए ऐलोपेथी

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मनुष्य समाज के लिए हानिकारक फलित ज्योतिष और महर्षि दयानन्द

ओ३म् सृष्टि का आधार कर्म है। ईश्वर, जीवात्मा एवं प्रकृति तीन अनादि, नित्य और अविनाशी सत्तायें हैं। सृष्टि प्रवाह से

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