कविता
सुन तू सच्चे मोतियो के एहसास सा तुझसे कोई दावा तो नही ना ही कोई इश्क की मेहंदी का हथेली
Read Moreमेरी नज़र में अमन चाँदपुरी, साहित्य जगत के उभरते हुए कवि और लेखक हैं। मैं इन्हें युवा कवि भी नहीं
Read Moreजीवन ज्योत जलाकर माँ ने ! बनाया घर – जग को मंदिर सपना सींचा स्नेह , शक्ति से मुश्किलों
Read Moreगुणवान, निधान ज्ञान सागर प्रणाम आपके चरणों में॥ हे गुरुदेव हे पथदर्शक , दिल प्राण आपके चरणों में॥ हम मूढ
Read Moreमत जाओ दूर मेरे सखा, निकट मम रहो; कुछ मन की कहो, हिय की सुनो, चाहते रहो ! आत्मा में
Read Moreनौवीं की परीक्षा के बाद कुछ महीने गाँव में गुज़ार कर हम फिर से स्कूल जाने लगे क्योंकि स्कूल खुल गए
Read Moreएक सज्जन से मिलने जाना हुआ। पहले पानी और उसके बाद चाय आई। चाय सिर्फ़ एक कप ही थी। मैंने
Read Moreवह गरीब किन्तु ईमानदार था. ईश्वर में उसकी पूरी आस्था थी. परिवार में उसके अतिरिक्त माँ, पत्नी एवं दो बच्चे थे.
Read Moreकृष्ण-सुदामा की तरह, मिले नहीं अब मीत। झूठ-मूठ बस स्वार्थवश, करते दिखते प्रीत। करते दिखते प्रीत, जेब जो होती भारी।
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