“गीतिका”
सावन का श्याम झूला, डारी कदमा डारी इक बार फिर झूला दों, श्यामल रास बिहारी सखियां विवस खड़ी हैं, चितवत
Read Moreआज जैन समाज के पर्युषण पर्व की समाप्ति पर “क्षमा-वाणी” (मिच्छामि – दुक्कड़म्) का पर्व मनाया जाता है। स्वयं को क्षमा
Read Moreआसमान में सूरज-चंदा और सितारे हैं देखो-देखो दोस्त हमारे कितने सारे हैं एक बार भी कभी किसी ने हमें नहीं
Read Moreओ३म् किसी भी विषय के प्रायः दो पहलु होते हैं, एक सत्य व दूसरा असत्य। सत्य व असत्य का प्रयोग
Read Moreकोई भूख से मरता है मैं सपनों की बात कैसे करुं। वहां मौत का मातम है मैं यहां रंगरास कैसे
Read Moreआजकल बिहार विधानसभा चुनावों का दौर चल रहा है। बिहार के चुनावों में जातिगत मुददा हावी है इसी बीच केंद्र
Read Moreएक बार एक स्वामीजी एक स्थान पर सत्संग के लिए पधारे। स्वामीजी आकर चुपचाप बैठ गए। लोगों द्वारा प्रवचन के
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