“कुंडलिया”
“चित्र लेखा” मंदिर मंदिर मन फिरे, प्रेम पिपासे होंठ बिना प्रेम मन मानवा, सूखे अदरख सोंठ सूखे अदरख सोंठ, सत्व
Read More“चित्र लेखा” मंदिर मंदिर मन फिरे, प्रेम पिपासे होंठ बिना प्रेम मन मानवा, सूखे अदरख सोंठ सूखे अदरख सोंठ, सत्व
Read More” होली की शुभ कामनाओं के साथ ,, कुछ रंग भरी मुकरियाँ ” ******************************************************** उसने आते रंग बिखेरा चहुँदिशि लागे
Read Moreहोली पर हाइकु 01ः- खेलते रंग विश्वास घात का अनोखा ढंग। 02ः- चतुराई से होलिका है जलती न प्रहृलाद। 03ः-
Read More”कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊंगा, मैं तो दरिया हूँ समंदर में उतर जाऊंगा.” यह कथन है
Read Moreअपनी जिन्दगी को शिद्दत के साथ जीने की मेरी हमेशा होती है पुरजोर कोशिश मकसद होता है हर लम्हे को
Read Moreअक्सर रातों को मेरी तन्हाइयों में धीरे से चुपके से तुम आते हो मुस्कुराते हो और यह कहकर चले जाते
Read Moreकविता कविता कह रहे , कविता हुई बवाल । कविता कवि को देख कर , उठने लगे सवाल । उठने
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