मूक दर्शक
” बहुत अच्छा करती हो जो अब गोष्ठियों में आने लगी हो , अच्छा लगा आपको यहाँ देखकर । ”
Read More“मेरी बच्ची, तू सोच रही होगी कि माँ डायन है, अपनी ही बच्ची को खाए जा रही है। पर नहीं,
Read Moreसोच सोच बचपन की बातें, दादा को लग रहा खराब। कहते हैं वह, जब छोटे थे, बाल पुस्तकें पढ़ते थे।
Read Moreआर्य लोग विदेशी आक्रमणकारी थे। उन्होंने यहाँ पर आकर मूलनिवासियों के साथ युद्ध किया, उन्हें मारा, हराया, उनकी औरतों के
Read Moreज़िन्दगी जीना है, तुमको छोड़ना है एक तिनके से हिमालय तोड़ना है बंद दरवाजे निकल सकता नहीं हूँ मैं तुम्हारे
Read Moreजातिवाद का जहर, थोड़ा इधर-थोड़ा उधर सम्प्रदायों का कहर, थोड़ा इधर-थोड़ा उधर खेल ऐसा स्वार्थी, सत्तालोलुप ही खेल रहे सीना
Read Moreए मेरे मौला! कुछ ऐसे तेरी रहमतों की हम पर बरसात कर, कोई ना रहे रोटी, कपड़े और मकान बिना
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