मदर टरेसा आफ इंडिया : डा. सिंधुताई सपकाल
विश्व महिला दिवस पर विशेष ब्लॉग्स पढ़ते हुए डॉ. सिंधुताई सपकाल के बारे में पढ़ा. डॉ. सिंधुताई सपकाल की कठिन
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Read Moreजुनून की जड़ों में मैने डाली थी खाद उत्साह की दिया था पानी त्याग का तब कहीं जाकर लगा था
Read Moreजन्नत में आँगन की ख़ुशबू मिलती है कि नहीं ईश्वर को भी माँ की जरूरत पड़ती है कि नहीं। लाख
Read Moreमत दो हमें झूठी बधाई, यह बधाई किस काम की, आज का यह सम्मान हमें दिख रहा है बस नाम
Read Moreथके थके से हैं दो नयना , रात जगे से हैं दो नयना ! अभी हौंसले पस्त नहीं है
Read Moreहार्दिक अभिनंदन आप बहनों का, बहुत बहुत बधाई, भूत भविष्य वर्तमान की परम शक्ति को सादर नमन नारी है नारायणी,
Read More‘हमें चाहिए आज़ादी’, ‘हम लेकर रहेंगे आज़ादी’, किसे नहीं चाहिए आज़ादी? हम सभी को चाहिए आज़ादी। सोचने की आज़ादी, बोलने की
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