“मनहरण घनाक्षरी”
नमन करूँ प्रभु जी, पूरण हो काज शुभ, सेवक हूँ मैं आप का, शिल्प तो सिखाइये विनती है परमात्मा, पुकारती
Read Moreनमन करूँ प्रभु जी, पूरण हो काज शुभ, सेवक हूँ मैं आप का, शिल्प तो सिखाइये विनती है परमात्मा, पुकारती
Read Moreकोयल का गीत भीषण उष्णता के बीच सूरज के तेवर भी जहाँ रोक न सके कोयल की कूक वह हर
Read Moreट्रेन में टॉयलेट का पानी यूज कर चाय-कॉफी़ बनाने पर हो हल्ला हो रहा है। पानी तो पानी है ,कहीं
Read Moreचाहे इस गोद में रहे चाहे उस गोद में, सवाल तो साज-सम्भाल का है चाहे बात बेजान बूतों ,प्रतीकों,स्मारकों की
Read Moreपर्यावरण को हमें हर हाल में बचाना है, आने वाली पीढ़ी को देना ये नज़राना है. पर्यावरण में सुधार के
Read Moreजहां में चाहे गम हो या खुशी क्या मेरे मा – बैन रंजिश दोस्ती क्या खुदा मुझको यकीं खुद पे
Read More