आहिस्ता
बारिश की बौछारों में जब सुबह सुबह खिड़की खोली तो बरामदे में शहतूत से बँधी उस तार को देखा जिस
Read Moreजिंदगी के घाव जब दर्द देते हैं तो मरहमपट्टी भी चुभने लगती है चोटों के निशान जिंदगी के भयावह
Read Moreतुम रूलाते बहुत हो !! अब भी मेरी नजरो मे,आते बहुत हो । हे श्याम हमको,तुम रूलाते बहुत हो।। धूप
Read Moreहम भारत के जागरुक बच्चे, चाहते प्लास्टिक से आजादी, प्लास्टिक के उपयोग से बोलो, करें क्यों अपनी बरबादी? स्वतंत्रता दिवस
Read Moreये तो यथार्थ है एक दिन है मरना, तो फिर काहे का है मरने से डरना जीवन जियो बिंदास ना
Read Moreरात को सपने में मुझे एक हुक्के की हुंकार सुनाई दी. वह कह रहा था- ”हुक्के की अर्थी निकल रही
Read Moreसमाज में बच्चें हाशिए पर है, लेकिन जो बच्चें आश्रय स्थलों में रहने को बेबस और लाचार हैं। वे पहले
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