लघुकथा – द्वन्द
प्रगति मैदान में पहुँचते ही शीला अचकचा गयी भीड़ को देख।आगे बढ़ी तो कई दुकाने लगी हुई थीं। किस में
Read Moreप्रगति मैदान में पहुँचते ही शीला अचकचा गयी भीड़ को देख।आगे बढ़ी तो कई दुकाने लगी हुई थीं। किस में
Read Moreआओ कुछ ऐसा कर जाएंकदमों के अपने निशां छोड़ जाएं मानव जीवन मिला अनमोलसेवा में समर्पित हो जाएंहोठों पे मुस्कान
Read Moreआग लगाने वाले भी कम नहीं यहाँ शोर मचाने वाले भी कम नहीं यहाँ दरिया में उतरे हो तैर नहीं
Read Moreअहसास एक खूबसूरत अलसाई जी सुबह सैर करने को बुला रही थी बारिश का अंदेशा है तो क्या भीगने का
Read Moreकाट सका जो यूपी फीता। दिल्ली समझो वो ही जीता। यूपी का रण जो भी हारा, घट रहता है उसका
Read Moreतिल खुटिया रेवड़ी मिले तापो खूब अलाव। मन चंगा है गा मेरा सरदारा घर जाव। भांति भांति के बन रहे
Read More” दीमक वाले देश में,बस कुर्सी की होड़। आरक्षण की आड़ में,पनप रहा है कोढ़।।” “आरक्षण धरना लगे, देशद्रोह सम
Read Moreनई दिल्ली 13 जनवरी (शम्भू पंवार) विश्व पुस्तक मेले में लेखक डॉ अमरनाथ ‘अमर’ की पुस्तक ‘वक़्त की परछाइयाँ’ (
Read Moreआगरा | बृजलोक साहित्य -कला- संस्कृति अकादमी व भारतीयम् साहित्य सभा-आगरा के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार रवीन्द्र वर्मा जी
Read Moreबचपन में बालक ध्रुव की पौराणिक गाथा सुनी थी, जो बहुत प्रेरक लगी थी. तपस्या करते हुए बालक ध्रुव को
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