हमारी नदियाँ… उनकी नदियाँ… इतना अन्तर क्यों..?
‘वे पानी को देवता नहीं मानते, उसकी कद्र करते है ‘ यह कटुयथार्थ बयान एक लेखिका का है, जो अभी
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Read Moreचलो चलें कश्मीर में, जहां देवता वास। रक्षाबंधन ईद का जश्न मनाएं खास। सत्तर सालों से यहां, पनपा था आतंक।
Read Moreथाल सजाकर बहन कह रही,आज बँधालो राखी। इस राखी में छुपी हुई है, अरमानों की साखी।। चंदन रोरी अक्षत मिसरी,
Read Moreभारत माँ की करो आरती । सुंदर पावन धरा भारती ।। प्राची में फैले जब कुंकुम । शीश नवाये दिनकर
Read Moreभवानीमंडी। शहर के कवि एवम साहित्यकार राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित” को न्यू कोटा इंटरनेशनल सोसायटी द्वारा शिक्षा नगरी कोटा में
Read Moreयूँ जिंदगी मेरी नीलम कर गयी ********* यूँ जिंदगी मेरी नीलम कर गयी, ना चाहते हुए भी बदनाम कर गयी।
Read Moreयुगों युगों तक कीर्ति आपकी नहीं मिटेगी, प्रलय तलक पदचिन्ह आपकी नहीं मिटेगी। यहां गौरव गाथा गीतों में बनकर गूंजेगी,
Read Moreमेरी जिंदगी मैं एक औरत हूँ , क्या हैं मेरी कहानी, शायद हैं,या नहीं हैं, बचपन में अपनी चहक से,
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