मत करो तुलना
करो मत किसी से तुलना तुम जैसे हो अच्छे हो। रहकर स्वार्थ बोध से दूर तुम सीधे सच्चे हो। होता
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Read Moreहक के लिए आवाज उठाया तो सही, आवाज में हमारे वजनदारी चाहिए। देश हमारा प्यारा, श्रेष्ठ और सच्चा है, बस
Read Moreमुंशी जी को सादर नमन “मुक्त काव्य” ऐसे थे मुंशी प्रेमचंद जी धनपत राय श्रीवास्तव श्री कलम हथियार बनी शब्द
Read Moreमन की बात न सुनियो भैया यह तो बड़ा ही चंचल है, इस के चक्कर में जो पड़ता वह पछताता
Read Moreओ३म् संसार में तीन अनादि एवं नित्य सत्तायें हैं ईश्वर, जीव एवं प्रकृति। संसार की यह तीन सत्तायें सनातन एवं
Read Moreसपनों में ही पेंग बढ़ाते, झूला झूलें सावन में। मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।। — मँहगाई की
Read Moreमैं पत्नी और अपने दो छोटे बच्चों को लेकर कुछ महीनों पहले ही गाँव से दिल्ली आया था। वो जनवरी
Read Moreभजन-1 आया सावन का महीना लगा नाचने मन का मोर 22.7.19 कांवड़िया कांवड़ ले आए, धूम मची चहुं ओर- आया
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