कविता

मजदूरों पर लॉकडॉउन की मार

लॉकडॉउन की मार ,मजदूरों को मार गई।
रोजगार छीन गई ,भूख प्यास भी मार गई।।

लॉक ही हो गया ,हम मजदूरों की मजदूरी ।
डॉउन भी होते गया, भूख ने बना ली दूरी ।।

मजदूरों पर भारी ,कोरोना से बड़ी महामारी ।
बन्द है सब कुछ ,लगी भूखमरी की बीमारी ।।

भारत मे कोरोना, जब अपना कदम बढ़ाया ।
जिंदगी की सीढ़ियों से, मजदूरों को गिराया ।।

बन्द हमारी मजदूरी ,बन्द हमारा काम धाम ।
लॉकडॉउन नही ,समस्या समाधान का नाम ।।

— सोमेश देवांगन

सोमेश देवांगन

गोपीबन्द पारा पंडरिया जिला-कबीरधाम (छ.ग.) मो.न.-8962593570