सभी नदियों की स्वच्छता
निःसंदेह, गंगा भारत की पवित्र नदी है, जिसे देश में माँ का दर्जा प्राप्त है। हम गाना के मार्फ़त कहते भी हैं कि मानो तो गंगा माँ हूँ, न मानो तो बहता पानी ! इसके बावजूद देश की अन्य नदियां भी पवित्र है और लोगों की विविध आवश्यकताओं की पूर्त्ति करते हैं।
सिर्फ गंगा की स्वच्छता ही क्यों ? हमें अन्य नदियों को भी स्वच्छ रखने हैं यानी ‘नमामि गंगे’ नहीं, ‘नमामि सरिते’ हो, तो नदी जल सहित नदी किनारे और गली-मुहल्ले में भी सफाई होनी चाहिए। यह टीम वर्क के रूप में हो !
नदियों में फूल- मालाओं, फूल- पत्तियों आदि का बहाव आस्थाधारकों द्वारा ही ज्यादातर होते हैं, जो कि नदीजल से सड़ कर गाद का निर्माण करते हैं। नदी किनारे सनातन धर्मावलम्बियों द्वारा शवों को जलाए जाने से प्राप्त अस्थिराख से न सिर्फ जल प्रदूषण, अपितु वायु प्रदूषण भी होते हैं, इसलिए शवों को जलाने के लिए विद्युत शवदाहगृह की व्यवस्था सरकारी स्तर पर होनी चाहिए।
बिहार, झारखंड सहित यूपी और पश्चिम बंगाल में जब छठ महापर्व होती हैं, तब पूरे राज्य में सप्ताहभर स्वच्छता देखते ही बनती हैं। काश, चार दिवसीय सफाई 365 दिनों भी हो, तो भारत यूँ ही स्वच्छ रहेंगे।
भारत की आजादी के 75वें वर्ष में गंगा महोत्सव पहली नवम्बर 2021 से पतित पावन माँ गंगे को निर्मल बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नमामि गंगे मिशन के तहत लोगों को जोड़ने के लिए अनूठा प्रयास है।
गंगा को स्वच्छ बनाने और उसके पुनर्जीवन यानी गाद मुक्तता के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के निर्देश पर देशभर में प्रशासन व जिला गंगा समिति के सहयोग से पहली नवंबर से गंगा उत्सव की शुरुआत…. इसे एक अभिनव प्रयास माना जा रहा है। गंगा उत्सव में बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे।
इसे लेकर कटिहार जिला में भी गंगा उत्सव मनाई गई, जो कि मनिहारी घाट पर हुई। इसे लेकर काफी तैयारियां हुई। मनिहारी नगर पंचायत भी तैयारी किये और पन्ना लाल सुरेन्द्र नारायण बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, मनिहारी की छात्राएँ नृत्य में शामिल हुई, साथ ही नमामि गंगे मिशन से लोगों को जोड़ने के लिए और पहली नवंबर से गंगा उत्सव के दौरान मिशन के नाम पर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया।