कविता

करो योग रहो निरोग

आज योग दिवस है
आओ सब मिलकर योग करें
निरोग रहने का अभ्यास करें
नियमित योग का संकल्प करें।
प्राणायाम, अनुलोम विलोम
सूर्य नमस्कार,कपालभाती
स्वास्थ्य, सुविधा और लाभ के अनुसार
अनेकानेक योग प्रयोग करें।
हम स्वस्थ रहें, निरोग रहें तो
राष्ट्र और समाज भी स्वस्थ रहेगा
एक हमारे स्वस्थ रहने भर से
सिर्फ हमें ही नहीं परिवार, समाज
राष्ट्र को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
हम और हमारा परिवार तो खुश होगा ही
हमारी और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर
इसका सीधा असर दिखेगा।
हम और हमारा परिवार जब प्रगति करेगा
राष्ट्र भी प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा।
योग तो सिर्फ हम या आप करेंगे
स्वस्थ भी हम या आप रहेंगे,
मगर इसका लाभ हर ओर दिखेगा
जब योग हमारे जीवन का अटल सूत्र बनेगा
चहुंओर प्रगति और खुशहाली का
ये नया नारा गूँजेगा
करो योग, रहो निरोग
समाज और राष्ट्र की प्रगति में होगा
आपका ये अनूठा स्वैच्छिक प्रयोग।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921