गीत/नवगीत

नमामि गंगे

मैं नदिया हूँ,चंचल हूँ
मैं करती हूँ मनमानी
शीतलता देता है मेरा
निर्मल बहता पानी
हर तरंग मदमस्त उछलती
लहरो की अंगड़ाई से
नाविक गीत सुनाते हैं
पतवारो की शहनाई से
हर नौका कहती है मेरी
अलग ही एक कहानी
शीतलता———–
जलचर मेरी विरासत है
तट,तीर्थ मेरी पहचान
सिंचित खेतो को मैं करती
सरसो हो या धान
मैं  जीवन धारा हूँ
प्यासे की है प्यास बुझानी
शीतलता———
जगमग घाट मिलेगें तुमको
घाट मेरे जब आओगे
तुम्हे मिलूंगी अविरल बहती
भूल नही तुम पाओगे
सरयू के तट हों,या हो
काशी की शाम सुहानी
शीतलता———
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त