सामाजिक

प्रगति

चन्द्रमा के दक्षिण धुव्र पर चन्द्रयान -3 के सफल लैंडिंग करवाने पर भारत के वैज्ञानिकों को बहुत – बहुत बधाई व शुभ भविष्य के लियेमंगलकामनायें । बहुत साधारण रूप से कई ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों , उद्योगपतियों, व्यापारियों आदि ने जीवन शुरू किया था। पर आजवो अपने जीवन में विश्व-क्षितिज पर प्रगति के अनुकरणीय गुरु हो गये। कैसे? अपनी लगन, मेहनत ,हुनर तथा सद्व्यवहार से आदमी रंकसे राजा बन सकता है ,मिट्टी को सोना बना सकता है , कोयले में हीरा खोज सकता है इन चार गुणों से।जीवन का सार शब्द सफलता है। पर दिन रात स-लगन इसके लिए मेहनत अलबत्ता करनी पड़ती है । जब – जब भी मिले सुअवसर ज्ञान प्राप्त करने का तो चूकना मत, यही तो है जीवन की असली आन-बान । खुशकिस्मत होते हैं वे लोग जिनके अपने उनके प्रतिभा को संवारते और निखारते हैं, अन्यथा तोप्रतिभा दबा दी जाती है। हर इंसान में कोई ना कोई प्रतिभा जरूर होती है । प्रतिभा एक बिना धार की तलवार है, उसे मेहनत रूपी पत्थरपर घिसना पड़ता है ताकि दृढ़ इच्छाशक्ति से उसे अन्तिम सफलता में परिणाम मिल सके । सपने हमारे भविष्य को सही आकार देने मेंएक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सही कहा गया है कि यदि आप कोई कल्पना कर सकते हैं तो आप इसे प्राप्त कर सकते हैं और यदिआप कोई सपना देख सकते हैं तो आप वह प्राप्त कर सकते हैं । इसलिए यदि आपके पास सपना है तो इसे अपने लक्ष्य के रूप मेंस्थापित करें और इसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें। अतः यद्यपि यह कहना बहुत आसान है बजाए करने के लेकिन अगर आपवास्तव में इसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं तो आप इसे निश्चित रूप से प्राप्त करने में सक्षम होंगे। पॉजिटिव माइंड सेट सेलगातार सीख कर और मेहनत करने से जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है । इस अवसर पर कुछ पंक्तियाँ – नदियाँ की धारामें पत्थर का टुकड़ा बहता है घिसता है ठोकरें खाता हैं।घिस-घिस वही पत्थर पूजनीय बन जाता है। बारिश का पानी भी नदियों में बहताहैं नालों में बहता हैं लेकिन वही जब सीप में पड़ जाए तो मोती बन जाता हैं। मेहनत से उठा हुँ,मेहनत की राह जानता हुँ, आसमाँ सेज़्यादा,जमीं की क़द्र जानता हुँ, संघर्षों के बड़े पेड़ ही ,झेल पाते हैं आँधियाँ, में उन मगरूर दरख़्तों का हश्र भी जानता हुँ । जब से यह बातगुरु मुख से सुनी हैं ,याद करते ही हिम्मत-जोश-जज़्बा-आगे बढ़ने का जुनून सर चढ़ कर बोलता हैं। जो में साझा कर रहा हुँ- डर कीक्या बात पथिक,चलिये काली रातों में, पथ में उजियारा,ख़ुद ब ख़ुद होगा,लो दीपक हाथों में, दुनिया का दीपक धोखा दे सकता हैतूफ़ानों में, साहस का दीपक जलता रहता है झंझावातों में । इसका ताजा उदाहरण अभी हमारे सामने है भारत के वैज्ञानिकों ने वर्षों सेकठिन परिश्रम करके चन्द्रमा के दक्षिण धुव्र पर चन्द्रयान -3 का सफल लैंडिंग करवाया हैं । सकारात्मक सोच व मेहनत से दुनिया मेंभारत के वैज्ञानिकों ने चन्द्रमा के दक्षिण धुव्र पर सफल लैंडिंग करने का रिकॉर्ड बना डाला। पॉजिटिव माइंड सेट व आत्मविश्वास नसिर्फ हमको मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ बनाता है ।भारत के वैज्ञानिकों ने विश्व में उपलब्धियों का ऐसा कीर्तिमानस्थापित किया है जो युगों-युगों तक बड़े ही आदर सम्मान से उनका नाम स्मरण किया जाता रहेगा ।

— प्रदीप छाजेड़

प्रदीप छाजेड़

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