जाता हुआ साल
जाता हुआ साल बहुत कुछ सिखा गया,
कैसे रहे अपनों के साथ यह बता गया,
कुछ उलझन थी मन में सुलझा गया
अच्छे बुरे का भी फर्क बता गया
साल बदलता दिन बदल जाएगा
जीवन से एक साल और कम हो जाएगा,
कुछ सपने पूरे हो गए कुछ अधूरे रह गए,
बीते हुए पल कुछ सकूँन दे गए,
साल में लोगों का जानने का अवसर मिल गया,
खुद को पहचानने और मिलने का मौका दे गया,
छिपी प्रतिभा को निखारने का अवसर दे गया,
आत्मविश्वास से हमें जीना सिखा गया.
— पूनम गुप्ता