दोहे
कैसा कलियुग आ गया,बदल गया इंसान। दौलत के पीछे लगा,तजकर सब सम्मान।। बदल गया इंसान अब,भूल गया ईमान पाकर दौलत
Read Moreशम्मा-सा जलता है पल-पल,और पिघलता नारी जीवन। देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवन ।। कर्म निभाती है वो
Read Moreबहुत प्यारा था,पुराना ज़माना सब बातें थीं प्यारी,समां था सुहाना दद्दा और अम्मा,बाई और कक्का चना और चबेना,ज्वार और मक्का
Read Moreराष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्वअध्यक्ष,सुप्रसिध्द साहित्यकार व गोवा की वर्तमान राज्यपाल मृदुला सिन्हा जी जितनी सशक्त लेखिका हैं,जितनी मानवाधिकारवादी हैं,उतनी
Read Moreबचपन सबका हँसकर बीते,यह ही बस चाहत है, नहीं रहे वंचित कोय बच्चा,यही मेरा अभिमत है। पालन-पोषण,शिक्षा,शैशव,सब कुछ अब मोहक
Read Moreअनुशासन को मानकर,मानव बने महान । अनुशासन संकल्प है,जो लाता सम्मान।। अनुशासन है चेतना,अनुशासन उत्थान। अनुशासन को थामकर,जीना हो आसान।।
Read Moreह सुबह से ही मंदिर के अहाते में आकर बड़ी देर से बेहद उदास होकर बैठी थी ।लगता था कि
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