रामलला आये निज धाम
शापित सदियों मौन बही, ये सरयू की लहरेंआज हंस हंस बोलेंऐ सखी क्या होवे चहूं ओरसजे ये घाट किनारेफूल बिछे
Read Moreशापित सदियों मौन बही, ये सरयू की लहरेंआज हंस हंस बोलेंऐ सखी क्या होवे चहूं ओरसजे ये घाट किनारेफूल बिछे
Read Moreकाम काज सब छोंडो भाईऋतु देखो मतदान की आई आओ छोटकी बड़की आओलोक तंत्र मजबूत बनाओदादा काका तुम सभी चलोघड़ी
Read Moreराम अवध में आज बिराजेघर – घर सुमिरन होता हैसदियों के हस्ताक्षर करनेसूर्य उदय होता है।जीवन के सोपानों परआज राम
Read Moreमुझे तुझपे भरोसा है, तुझे मुझपे भरोसा है, पर ये कौन है जिसे भरोसा है अपनी जाति पर, अपनी खोखली
Read Moreसृजन का नव दीप जलाकर निरुत्साह के तिमिर को भगाती रहूँ साहस के सिन्धु से माँ शारदे काव्य सागर में
Read Moreदेखता हूँ…अपने आप में .. मेरे अंतरंग में भेद – अभेद मंगलकारी चेतना क्रांति का सौध शांति की सुषमा हर
Read Moreनेताजी ने जैसे ही कहा भाइयों, बहनों और मितरों, मुझे याद आ गया 43 बी सी का महान दार्शनिक सिसरों,
Read Moreअभी तो आधी रात है, गली में कुत्ता भौंक रहा है। जरूर कोई बात है, पर ये न समझो की
Read Moreपरिंदों से सीखो कैसे नापना गगन रहते हैं हर परिस्थिति में मगन अपने में ही हमेशा रहते हैं मस्त न
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