दुनिया
आह की तुम बात न करो , आंसुओं को कब भिगो पाया है जहां बहती ही रही नदी निस्वार्थ भाव
Read Moreकभी दिग्विजय तो कभी मणि अय्यार हूं, कभी नबी आजाद तो कभी थूक थू थूरार हूं। हिंदू पाकिस्तान बनेगा भारत
Read Moreउमंग और हौसला को बाँध निकल पड़ी अपनी मंजिल की ओर आसान नही ये मंजिल रास्तो मे.आते है लाखो अड़चने
Read Moreभ्र्ष्टाचार कहाँ कहाँ , जहाँ देखो वहाँ वहाँ ! सभी लगे रवाँ तवाँ , भुला नहीं पायेगें !!! पैदा हुए
Read Moreमम्मा ललक दुलार में, नहीं कोई विवाद। तेरी छवि अनुसार मैं, पा लूँ सुंदर चाँद.. पा लूँ सुंदर चाँद, निडर
Read Moreउमड़ता – घुमड़ता जहन में है प्रश्न आतंक के जहर से , विशाक्त होता जन-जीवन , जुनून ; सब कुछ
Read Moreपुलकित है प्यासा मन नाच उठा अंतर मन बरसे यह सावन घन उमड़ घुमड़ बरसे|| मेघों से याचक बन देखो
Read Moreकभी करता है जी सब छोड़कर सन्यास ले लूं मैं, छोड़कर सारी जिम्मेदारी थोडा सा साँस ले लूँ मैं। रोके
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