कविता- वहाँ मिलूँगी मैं
तुम हर पल ढूंढकर देख लेना. मैं तुम्हारी यादों की बस्ती में मिलूँगी. कोई जब खिलखिला कर हँसे. उसकी उस
Read Moreतुम हर पल ढूंढकर देख लेना. मैं तुम्हारी यादों की बस्ती में मिलूँगी. कोई जब खिलखिला कर हँसे. उसकी उस
Read Moreपढ़ते-पढ़ते सो गया, भर आँखों में नींद। शिर पर कितना भार है, लगता बालक बींद॥ लगता बालक बींद, उठाए पुस्तक
Read Moreघर से ‘कुछ नहीं’ पीकर आने की कसम खाकर जाने वाले प्रेमपूर्वक ‘कुछ नहीं’ पीकर घर आते हैं और घर
Read Moreबनो निरंकुश मोदीजी दुष्ट स्वजन पर वार करो, मानवता नहीं होगी कलंकित असुरों का संहार करो। खीझ रहे जो खीझने
Read Moreहर दिल में अजब सी एक प्यास है हर दिल में कोई न कोई राज है सब चल रहे कांटो
Read Moreआसमान में उड़ने वालो आसमान में ठिकाना नहीं होता आसमान में आशियाना नहीं होता आसमान होता ही कहाँ है ??
Read Moreतिनकों को जोड़कर बना घोंसला हमारा इस प्यारे से घोंसले में । अभी-अभी जन्मी हूँ। सुकोमल नरम सी नन्हें से
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