अहसासों की अनमोल पूंजी
लावण्या आज घर पर अकेली थी. उसे ऐसा लग रहा था, कि उदासी ने उसे बुरी तरह से अपने घेरे
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Read Moreवसुदेवजी को देखते ही बच्चे उनकी तरफ भागे। सब उन्हें घेर कर खड़े हो गए। वसुदेवजी साथ लाई हुई वस्तुएं
Read Moreहरिया के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई. साहूकार कर्जे में अनाज के साथ बैल भी ले गया. कमल
Read Moreपूजा के जन्म पर न जाने क्यूँ उदासी सी थी । मां की चिंता किसी को नही थी। प्रसव पीड़ा
Read Moreकोर्ट के कटघरे में अपराधी के रूप में खड़े डॉक्टर अजय को अफसोस हो रहा था, कि वह सॉफ्टवेयर का
Read Moreसड़क पर एक लड़के को रोटी हाथ में लेकर आते देख अलग-अलग तरफ खड़ीं वे दोनों उसकी तरफ भागीं। दोनों
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