दृढ़ प्रतिज्ञ
अमर के पापा बंसीलाल आज अचानक उससे मिलने आ गए थे । अमर पापा से हालचाल पूछ कर किचन में
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Read Moreडूबते उतिराते धान की फसल खेत से खलिहान को तिरछे ताकते हुए, मुँह छुपाते हुए किसान के घर में ऐसे
Read Moreआज अखबार में अपना फोटो छपा देखकर किसान अनिल को बहुत खुशी हो रही थी. उसे कुछ समय पहले की
Read Moreचुनाव के नतीजे देखते हुए नेताजी खुश हो गए । अपने सहायक को बुलाकर बोले ” अरे गुप्ताजी ! हमारी
Read Moreलावण्या आज घर पर अकेली थी. उसे ऐसा लग रहा था, कि उदासी ने उसे बुरी तरह से अपने घेरे
Read Moreवसुदेवजी को देखते ही बच्चे उनकी तरफ भागे। सब उन्हें घेर कर खड़े हो गए। वसुदेवजी साथ लाई हुई वस्तुएं
Read Moreहरिया के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई. साहूकार कर्जे में अनाज के साथ बैल भी ले गया. कमल
Read Moreपूजा के जन्म पर न जाने क्यूँ उदासी सी थी । मां की चिंता किसी को नही थी। प्रसव पीड़ा
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