उम्मीद (लघुकथा)
राकेश का तबादला शिमला हो गया। मैं और राकेश अभी -अभी समान के साथ पहुंचे थे ।आते के साथ हमें
Read Moreराकेश का तबादला शिमला हो गया। मैं और राकेश अभी -अभी समान के साथ पहुंचे थे ।आते के साथ हमें
Read Moreगाँव मोहल्ले में चुनाव की चर्चा जोर शोर से चल रही थी। “भाई !अबकी टिकट किस आधार पर मिलेंगे अवतार
Read Moreप्राजक्ता ने आज आखिरी साँस ली है। एक झटके में सबको अलविदा कह दिया। प्राजक्ता ने, मरने से कुछ ही
Read Moreरागिनी और मधुरिमा दोनों ऑफिस की पक्की सहेलियाँ हैं। सुबह से शाम, छः दिन, करीब नौ घंटे रोज़, एक दूसरे
Read Moreदरोगा जी ने सरकारी गाड़ी रुकवा दी । अचानक से गाड़ी रुकने पर कांस्टेबल रामफल मुंह फाड़कर एक टक दरोगा
Read Moreभोले से मन से बहुत से सवाल आते हैं ,उस बच्चे ने भी बड़े प्यार पूछ लिया , “हमें किस
Read More“ सब पता है, अपनी पीड़ा छुपाने के लिए तुम इस तरह घुटनों में मुँह छिपाकर बैठी हो। तुम्हारी पल-पल
Read Moreजीवन की सार्थकता मुकेश बहुत उदास से कमरे में बैठे थे। उन्हें लग रहा था कि जैसे उनका जीवन ही
Read More