जनता के सेवक
जनता के सेवक ————————— “माननीय नेताजी ! क्या कहूँ उस सिरफिरे पत्रकार से ? किसी भी तरह से टलने का
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Read Moreजब से नेहा का दाखिला इंजीनियरिंग इन्स्टीट्यूट ऑफ़ माइन्स में हुआ था , उसकी माँ के आँखों से नींद उड़
Read Moreलंबी प्रतीक्षा के बाद आखिर वो दिन आ ही गया और उसने सुंदर सी गोल मटोल बेटी को जन्मदिन दिया।
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Read Moreराकेश का तबादला शिमला हो गया। मैं और राकेश अभी -अभी समान के साथ पहुंचे थे ।आते के साथ हमें
Read Moreगाँव मोहल्ले में चुनाव की चर्चा जोर शोर से चल रही थी। “भाई !अबकी टिकट किस आधार पर मिलेंगे अवतार
Read Moreप्राजक्ता ने आज आखिरी साँस ली है। एक झटके में सबको अलविदा कह दिया। प्राजक्ता ने, मरने से कुछ ही
Read Moreरागिनी और मधुरिमा दोनों ऑफिस की पक्की सहेलियाँ हैं। सुबह से शाम, छः दिन, करीब नौ घंटे रोज़, एक दूसरे
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